भारतीय दंड संहिता में संसोधन 166 A
The Criminal Law Amendment Act,2018
दाण्डिक विधि संशोधन अधिनियम 2018 दाण्डिक विधि संशोधन अधिनियम 2018 के अनुसार भारतीय दंड सहिंता क अंतर्गत 7 धाराओं के अंतर्गत संसोधन हुए है | जिसके अंतर्गत निन्मलिखित धाराएं है |
1-section-166A
2-section-228A
3- section-376A
4- section-376AB
5-Section 376 D A And Section Section 376 D B
6-Section 376 E
आइये सबसे पहले हम जानेंगे भारतीय दंड सहिंता की धारा 166क के अंतर्गत क्या संसोधन हुए है ?
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भारतीय दंड संहिता में संसोधन 166 A
यह विधि 21-04-2018 को प्रवृत्त मानी जाएगी |लोक सेवक जो विधि के अधीन के निदेश की अवज्ञा करता है-जो कोई लोक सेवक होते हुए |
A-विधि के किसी ऐसे निदेश की जो किसी अपराध या किसी अन्य मामले में अन्वेषण के प्रयोजन के लिए किसी व्यक्ति की किसी स्थान पर उपस्थ्ति की उपेक्षा किये जाने से प्रतिषिद्ध करता है, या जानते हुए अवज्ञा करता है |
B-कोई ऐसा तरीका को,जिसमे वह ऐसा अन्वेषण करेगा विनियमित करने वाली विधि के किसी अन्य निदेशो की किसी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए जानते हुए अवज्ञा करता है |
C-दंड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 154 (1) के अधीन और विशिस्टया धारा 326-क, धारा 326-ख,धारा 354,धारा 354-ख धारा 370, धारा 370-क,धारा 370-कख,धारा 370-ख,धारा 370-ग,धारा 370-घ,धारा 370-घक,धारा 370-घख,धारा 370-ड़ या धारा 509 के अधीन दंडनीय संज्ञेय अपराध के सबंध में उसे दी गयी किसी सूचना को लेखबद्ध करने में असफल रहता है |
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दंड का प्रावधान-दंड का प्रावधान-वह कठोर कारावास से,जिसकी अवधि 6 मास से कम की नहीं होगी किन्तु जो 2 वर्ष तक की हो सकेगी,दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से दंडनीय होगा |
2 Comments
Bahut hi achha notes hai mam..
ReplyDeleteBahut hi imp hai..
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