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शपथ पत्र (हलफनामा) क्या होता है ?What is Affidavit

                                                            शपथ पत्र (हलफनामा) 

                                                                        Affidavit

प्लीडिंग विधि प्रतिवादी शपथ - पत्र ( हलफनामा ) ( AFFIDAVIT ) पत्र एक ऐसा लिखित कथन होता है जिसे शपथ लेने वाला व्यक्ति ( Deponent ) शपथ दिलाने के लिए प्राधिकृत of ( Cath Commissioner ) के समक्ष शपथ खाकर देता है । 

शपथ पत्र में सबसे पहले न्यायालय का नाम लिखा जाता है । उसके बाद , यदि वाद की कोई संख्या होती है तो वह जी है । इन औपचारिकताओं ( Formalities ) को पूरा करने के बाद शपथ - पत्र में दी जाने वाली बातें लिखी जाती है में सत्यापन लिखा जाता है जो शपथग्रहीता ( Deponent ) द्वारा हस्ताक्षरित ( Signed ) होता है । सत्यापन में इस बात र कया जाता है कि शपथग्रहीता किन - किन बातों का निजी ज्ञान के आधार पर सत्य होने की शपथ लेता है और ऊक दातों को सूचना के आधार पर सत्य होने का विश्वास करता है । ऐसी स्थिति में वह उस सूचना के स्रोत के बारे में रंसान है इसके आधार पर वह उस बात को सत्य होने का विश्वास करता है । 

शपथ  पत्र का प्रारूप तैयार करने के बारे में प्रायः हर उच्च न्यायालय ने अपने नियम बनाए हैं । इसलिए शपथ - पत्र का का तैयार करते समय सम्बन्धित उच्च न्यायालय द्वारा बनाए गए नियमों को ध्यान में रखना चाहिए । 

-निर्णय लेखन कैसे लिखें?जाने हिंदी में

  •  निम्नलिखित नियमों सहयता से शपथ - पत्र का प्रारूप तैयार किया जा सकता है-: 

( 1 ) शपथ - पत्र में केवल अत्यन्त आवश्यक अभिकथन लिखे जाते हैं अर्थात् शपथ - पत्र में केवल तथ्य दिए जा सकते हैं बहस नहीं । 

( 2 ) शपथ - पत्र में शपथकर्ता ( Deponent ) का पूर्ण विवरण होता है । 

( 3 ) शपथ - पत्र पैराग्राफों में बाँटकर क्रमबद्ध रूप में नम्बर डालकर लिखा जाता है । 

( 4 ) एक पैराग्राफ में केवल एक ही बात लिखी जाती है ।

( 5 ) शपथ - पत्र प्रथम पुरुष ( First person ) में लिखा जाता है उदाहरणार्थ " मैं शपथ लेता हूँ कि मैं इस मुकदमें में वादी हूँ और इसीलिए मुकदमें के सारे तथ्यों से परिचित हूँ ।

(6)शपथ - पत्र में यदि किसी व्यक्ति , वस्तु या स्थान के बारे में उल्लेख होता है तो उसके बारे में पूर्ण एवं सही अभिकथन किया जाता है । 

( 7 ) शपथ - पत्र में केवल वही बाते लिखी जाती है जो शपथकर्ता की निजी जानकारी में होती है । 

( 8 ) यदि शपथ - पत्र में कोई ऐसी बात लिखी है जो किसी अन्य व्यक्ति के ज्ञान पर आधारित है तो उस व्यक्ति का नाम शपथ - पत्र में लिखा जाता है । 

( 9 ) जब शपथ - पत्र में दिया गया कोई तथ्य किसी दस्तावेज या किसी अन्य स्रोत पर आधारित हो तो उस स्रोत का उल्लेख शपथ - पत्र में किया जाता है । 

( 10 ) अन्तिम पैराग्राफ में सत्यापन होता है । इसमें संख्या नहीं लिखी जाती है । सत्यापन निम्नलिखित तरीके से किया जाता है |

मै उपर्युक्त शपथकर्ता एतद्वारा सत्यापित करता हूँ कि प्रस्तुत शपथ - पत्र के पैराग्राफ संख्या.. से पैराग्राफ तक के तथ्य मेरी व्यक्तिगत जानकारी में सत्य हैं और पैराग्राफ संख्या ....से ..... तक के तथ्य अभिलेख या सूचना या कानूनी सलाह के आधार पर सत्य हैं जिनका सत्य होना मैं विश्वास करता हूँ । इस शपथ - पत्र का न तो कोई तथ्य असत्य है और न ही कोई तथ्य छिपाया गया है । अतः ईश्वर मेरी सहायता करे ।

 मैं इस शपथ - पत्र को आज दिनांक 03,दिसंबर , 2020 को जनपद वाराणसी के सिविल कोर्ट के प्रांगण में सत्यापित करता हूँ । शपथकर्ता 

( ii ) शपथकर्ता के सत्यापन के बाद पहचान करने वाले वकील का सत्यापन होता है जैसे— “ मैं उपरिनामांकित शपथकर्ता को जानता एवं पहचानता हूँ जिसने मेरे सामने हस्ताक्षर किए हैं ।"

                                                                                                                        (हo) अधिवक्ता



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