भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत महत्वपूर्ण वाद आज के इस पोस्ट मैं दिए गए है की भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत बहुत से ऐसे महत्वपूर्ण वाद है जो आपके आने वाले एग्जाम के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है |
Case Law-रामकुमार बनाम उत्तर प्रदेश राज्य A.I.R 1992.
किसी विवाद्यक तथ्य को साबित करने के लिए उससे सम्बन्धित कुछ अन्य तथ्य को साबित किया जाना जरुरी हो सकता है |
साबित-(Proved)-:
Case Law-अब्दुल करीम बनाम द क्राउन
किसी तथ्य को साबित करने के लिए उसका निश्चित होना जरूरी है |
परिस्थितिजन्य साक्ष्य(Circumstantial Evidence)-:
Case Law-उमेद भाई बनाम गुजरात राज्य A.I.R 1978.
एक व्यक्ति मृत पाया गया,इसमें गांव के किनारे सड़क है जो वही जाकर ख़तम हो जाती है कभी-2 एक लारी ड्राइवर उस रस्ते पर आराम करने जाता है जिस रात को लारी आती है उसी रात कोई आदमी दुर्घटना मैं मारा जाता है शरीर की स्थितया है की उसे रौंदा गया है यही परीस्थितीजन्य साक्ष्य कहा गया है |
Judiciary Lecture-
Case Law-उमेद भाई बनाम गुजरात राज्य A.I.R. 1978.
परीस्थितीजन्य साक्ष्य के बारे में बताया गया है |
दस्तावेज़ी साक्ष्य(Documentary Evidence)-:
Case law-राम रेड्डी बनाम बी वी गिरी A.I.R. 1971.
बातचीत के टेप रिकॉर्ड को दस्तावेज़ी साक्ष्य माना गया |
तथ्यों की सुसंगति(Relevant Fact)-:
Case Law-आर बनाम रिचर्डसन
तथ्यों की सुसंगति के बारे में बताया गया |
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