दिल्ली कोर्ट ने टूलकिट एफआईआर के संबंध में दिशा रवि को तीन दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा
दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को टूलकिट एफआईआर के संबंध में दिशा रवि को तीन दिन की न्यायालय
की हिरासत में भेजा |दिशा रवि को आज पांच दिन की पुलिस हिरासत की समाप्ति पर पटियाला हाउस कोर्ट मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मुख्य मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने आदेश पारित किया। पुलिस ने अदालत को बताया कि सह-अभियुक्त शांतनु मुलुक को 22 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा गया है।
दिशा रवि की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल पेश हुए।
टूलकिट केस- युवा देशभक्त भारतीयों को डराने के लिए देशद्रोह कानून का दुरुपयोग किया जाता है|
टूलकिट क्या है?
किसी काम की खातिर कुछ सुझाव दिए जाएं उसे टूलकिट कहा जाएगा। इसका इस्तेमाल एकेडमिक जगत के लोग, टीचर, पत्रकार, NGO और कंपनियों में बिजनेस हेड तक करते हैं। अगर कोई बिजनेस हेड ने टूलकिट तैयार किया हो तो उसमें वह अपनी टीम के सदस्यों को किसी काम को पूरा करने का तरीका बताता है। इसमें उन रिसोर्सेज का भी जिक्र होता है, जो उसे पूरा करने के लिए चाहिए। टूलकिट से सिर्फ प्लानिंग ही नहीं, किसी प्रॉजेक्ट पर तालमेल में भी मदद मिलती है।
दिल्ली हाईकोर्ट
वूमन एडवोकेट फोरम ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक प्रतिनिधित्व सौंपा है, जिसमें कथित तौर पर ग्रेटा थुनबर्ग 'टूलकिट' मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करने के मद्देनजर आईपीसी की धारा 124 ए (सेडिशन) की संवैधानिक वैधता पर फिर से विचार करने का आग्रह किया गया है।
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