Homicide क्या होता है तथा उसके प्रकार
आइये जानते है की मानव वध क्या होता है? तथा यह कितने प्रकार का होता है ? यह आपने अक्सर सुना होगा की मानव वध और हत्या में क्या अंतर है आज के इस आर्टिकल में हम जानगे की मानववध को किस प्रकार से समझा जा सकता है |
शरीर से संबंधित अपराधों में से मानव वध सबसे गंभीर अपराध है इस अपराध में जीवन पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है | मानववध से तात्पर्य ऐसे अपराध से है किसी मानव के द्वारा किसी अन्य मनवा के जीवन को समाप्त करना है |किसी अपराध के पीछे कोई न कोई आपराधिक मनःस्थिति अवश्य होती है और यह तत्त्व मनव वध के मामले में महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि बदलती हुई मनःस्थिति के आधार पर मानववध के आधार पर ही मानववध को उसके स्वरूप की गंभीरता के अनुसार विभिन्न क्रम में रखा गया है |
न्यायोचित मानव वध-:
जिस प्रकार तथ्य की भूल के अधीन किया गया मानव वध (धारा 76 ) न्यायाधीश द्वारा न्यायिक शक्ति के प्रयोग में मृत्युदंड की सजा (धारा 77 ) न्यायिक आदेश के अनुसरण में किसी व्यक्ति को फ़ासी देकर उसकी मृत्यु करीत करना(धारा 78) निजी आत्मरक्षा का बचाव (धारा 100 से 103 ) आदि को न्यायोचित मानववध की अंतर्गत रखा जा सकता है |
क्षम्य मानव वध-:
वध – उदाहरणार्थ , दुर्घटना , दुर्भाग्य आदि के परिणामस्वरूप कारित मृत्यु ( धारा 80 ) ; शिशु , विकृत मस्तिष्क व्यक्ति तथा नशे की दशा में व्यक्ति द्वारा किया गया मानव - वध ( धारा 82 , 83 एवं 84 ) ; सद्भावनापूर्वक कार्य के दौरान कारित मृत्यु ( धारा 87 एवं 88 ) तथा धारा 92 आदि इस श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं ।
3. नर वध या नर हत्या-:( man slaughter ) ( धारा 299,304 - क , तथा 306 )
4. हत्या-: ( धारा 300 )
2 Comments
V nice mam
ReplyDeleteAwesome mam 👌🙏
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